औरैया. अजीतमल क्षेत्र के बरीपुरा गाॅव के समीप 10 जुलाई को मिले अज्ञात शव की गुत्थी सुलझाने में एक नया मोड़ आ गया है। एक व्यक्ति ने शव की शिनाख्त अपनी पत्नी के रूप में की थी। लेकिन पुलिस ने उसकी पत्नी को जिन्दा ढूॅढ़ निकाला। और कोतवाली अजीतमल में ले आई। पुलिस अब फिर से शव के शिनाख्त कराने में उलझ गई है। अब सवाल यह है कि जब अनुपम जिन्दा है तो आखिर वह शव किसका था। बीती 10 जुलाई को अजीतमल क्षेत्र के ग्राम बरीपुरा-हविलिया बम्बा मार्ग पर एक खेत की मेढ़ पर अज्ञात युवती का क्षत-विक्षत शव मिला था। सूचना पर पहुंची अजीतमल कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त कराने की भरपूर कोशिश की थी। लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी थी। पुलिस ने इस घटना का पर्दाफाश करने के लिये आसपास के गांव के कई लोगों को पूछताछ के लिये कोतवाली में भी काफी दिनों तक बैठा रखा था। और पुलिस कप्तान व आई जी कानपुर जोन ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर लोंगो से पूछताछ की थी। लेकिन घटना से सम्बन्धित कोई सुराग हासिल नहीं कर सकी थी। अज्ञात युवती के शव की मुकदमा दर्ज कर जाॅच शुरू कर दी गई थी। तभी घटना के कुछ दिनों बाद ग्राम रूरूआ, कंचैसी थाना दिबियापुर निवासी रसिक बिहारी पोरवाल ने उस शव की शिनाख्त अपनी पत्नी अनुपम के रूप में की थी।
साथ ही रसिक बिहारी ने औरैया के मोहल्ला सत्तेश्वर निवासी अनमोल पुत्र रामलखन के खिलाफ उसकी पत्नी को पुत्र हर्ष सहित भगा ले जाने तथा मारकर शव फेंक देने की तहरीर कोतवाली पुलिस को दी गई। रसिक बिहारी द्वारा की गई शिनाख्त पुलिस के गले नहीं उतर रही थी। लेकिन अज्ञात शव की शिनाख्त कर लेने के कारण पुलिस ने रसिक द्वारा बताये गये आरोपी अनमोल को औरैया से अपनी गिरफत में ले लिया था। और उससे पूछताछ की। रसिक बिहारी द्वारा शव की शिनाख्त पुलिस के गले नहीं उतर रही थी। इसलिये पुलिस शव का डीएनए टेस्ट करवाने का मूड बना रही थी। ताकि प्राप्त किए गए शव के डीएनए की रसिक बिहारी के ससुर से मिलने की पुष्टि की जा सके। और शव की शिनाख्त की जा सके। वहीं शुक्रवार को अनुपम की वापिसी के बाद अब डीएनए टेस्ट जरूरी हो गया है। ताकि युवती की शिनाख्त की जा सके।
रसिक बिहारी पोरवाल द्वारा शव की शिनाख्त अपनी पत्नी अनुपम के रूप में कर लिये जाने के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को रसिक बिहारी को सौंप दिया था। रसिक बिहारी ने इसे अपनी पत्नी का शव मानकर उसका अन्तिम संस्कार कर दिया था। चार दिन बाद 26 जुलाई को तेरहवी भोज होना था जिसके लिये पूरी तैयारी कर ली गई थी।लेकिन अब अनुपम के जिन्दा वापिस लौट आनेे पर परिवार के लोग इस असमंजसता में हैं कि यदि अनुपम जिन्दा है तो आखिर रसिक बिहारी ने किसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। सचिन ने बताया कि भागमभाग के चक्कर में अनुपम के जेवरात व रूपये उसने अपने पैतृक गाॅव कटाई अमरोहा भेज दिये थे। कोर्ट मैरिज होने के बाद अनुपम अपने पूर्व पति के पास जाने की जिद करने लगी। तो वह 20 जुलाई को उसके जेवरात व पैसे गाॅव से लेने जा रहा था। ताकि अनुपम को मय जेवरात के वापस उसके पूर्व पति के पास छोड़ आऊॅ। लेकिन पुलिस ने पहले ही दबोच लिया।